द फॉलोअप डेस्क
नई दिल्ली : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से जातिगत जनगणना की बात दोहराई है।
राहुल ने कहा है कि जातिगत जनगणना से आबादी पता चलेगी। वो बहुत ज़रूरी है। क्योंकि भागीदारी से पहले आबादी पता करना ज़रूरी है।" उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे तो फिर दूसरे प्रधानमंत्री यह कराएंगे। उन्होंने बयान दिया, "यह पता करना ज़रूरी है कि भारत में धन किस तरह से बांटा जा रहा है। ओबीसी और दलितों के पास कितना धन है यह पता करना ज़रूरी है।"
राहुल के मुताबिक़, "यह पता करना भी ज़रूरी है कि भारत की अलग-अलग संस्थाओं जैसे कि अफ़सरशाही, ज्यूडीशियरी और मीडिया में इस तबके के कितने लोग हैं।"
राहुल गांधी ने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि जातिगत जनगणना को रोका जा सकता है तो मैं यह बता दूं कि यह होकर ही रहेगा। इसके साथ ही सामाजिक और आर्थिक सर्वे ही होकर रहेगा।
इसके अलावा अपनी एक्स पोस्ट में राहुल ने लिखा कि संविधान हर एक भारतीय को न्याय और बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन कड़वी सच्चाई है कि देश की जनसंख्या के 90 फ़ीसदी लोगों के लिए न तो अवसर हैं और न ही तरक्की में उनकी भागीदारी है।